05/12/24

किसानों के छह दिसंबर दिल्ली कूच को लेकर शंभू बार्डर पर पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

आरएस अनेजा, चंडीगढ़

अपनी मांगो को लेकर किसान शम्भू बॉर्डर पर बैठे किसानों ने अब 6 दिसम्बर दिल्ली जाने का ऐलान किया हुआ हैं जिसको लेकर किसान शम्भू बॉर्डर पर सभी को आने का न्योता दे रहे हैं। किसान दिल्ली न पहुंचे इसको लेकर अंबाला शम्भू बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी हैं। दिल्ली से पंजाब जाने वाले वाहन शम्भू बॉर्डर से रास्ता बंद होने के कारण वापिस जा रहे हैं लोगो का कहना हैं कि उन्हें काफी परेशानी हो रही हैं वही अंबाला पुलिस ट्रैफिक इंचार्ज जोगिंदर का कहना हैं कि लोगो को मार्ग दर्शन करने के लिए यहाँ पर भी सुरक्षाकर्मी लगाए हुए हैं ।

किसानों द्वारा 06 दिसंबर को पैदल दिल्ली जाने का एलान किया है इसको लेकर अंबाला प्रशासन ने धारा 163 लगा दी है। अंबाला शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए है। अंबाला शंभू बॉर्डर पर बैरिकेटिंग की हुई है वहीं से लोग वापिस होकर चंडीगढ़ और दूसरे रास्तों से होकर लोगों को जाना पड़ रहा है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दे कि 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच करने का एलान किया था जिसके चलते अंबाला प्रशासन द्वारा 11 फरवरी को ही थ्री लेयर की बैरीगेटिंग की गई थी और किसी को भी यहां से दिल्ली कूच नहीं करने दिया गया था तब से अब था दिल्ली अमृतसर हाइवे बंद है ! एक बार फिर से किसान कल दिल्ली कूच करने के लिए तैयार है। कल किस तरह की यहां स्थिति रहेगी इसपर भी हमारी नजर रहेगी ।

वहीं, आज किसानों ने शम्भू बॉर्डर धरना स्थल पर अहम प्रेसवार्ता कर दिल्ली कूच के संबन्ध में विस्तृत जानकारी दी। जिसमें किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने जानकारी दी कि पहले दिन किसान संगठनों की कौन कौन सी जत्थेबंदियां दिल्ली के लिए आगे बढ़ेगी।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि किसान नेता सुरजीत सिंह फूल व अन्य की अगुवाई में 6 दिसंबर को शम्भू बॉर्डर से पैदल दिल्ली जाने के लिए पहला जत्था बेरिकेड्स की तरफ बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि सभी किसान हाथों में झंडे लेकर निहत्थे धरना स्थल से बेरिकेड्स की तरफ निकलेंगे। ऐसे में पुलिस प्रशासन जितना भी ज़ुल्म करेगी किसान उसे सहने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार हमें शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने के लिए रास्ता खोले। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति ने भी किसानों की आवाज़ उठाई है ऐसे में सरकार हमारी न सही अपने उपराष्ट्रपति की ही बात सुन ले।

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