भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने नीदरलैंड में आयोजित दूसरे विश्व स्थानीय उत्पादन मंच में भाग लिया
आरएस अनेजा, नई दिल्ली
केन्द्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आज नीदरलैंड के हेग में आयोजित दूसरे विश्व स्थानीय उत्पादन मंच (डब्ल्यूएलपीएफ) में भाग लिया। यह बैठक 6 से 8 नवंबर 2023 तक आयोजित की जा रही है। दवाओं और अन्य स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से डब्ल्यूएचओ की पहल पर विश्व स्थानीय उत्पादन प्लेटफॉर्म का गठन किया गया है।
अपने संबोधन में श्री खुबा ने कहा कि यह बैठक नैदानिक उपायों के विकास और विनिर्माण में अनुभव, चुनौतियों और सफलताओं को साझा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि हमें अभिनव दृष्टिकोणों की पहचान करने के लिए और सहयोग करना चाहिए, जो इन महत्वपूर्ण उपायों तक स्थायी और न्यायसंगत पहुंच को सक्षम बनाएगा।
श्री खुबा ने कहा कि 21वीं सदी में लगातार गंभीर बीमारियां और कोविड-19 जैसी महामारी सामने आई हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कमजोरियां और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपायों तक पहुंच में असमानताएं देखी गई हैं। अपर्याप्त नैदानिक उपकरणों ने प्रकोप को बदतर बना दिया, जिससे यह आवश्यकता महसूस की गई कि स्थायी, किफायती निदान उपायों तक वैश्विक पहुंच में सुधार के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। विश्व भर के देशों ने नए समाधान प्रदान करने में समानता हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग के महत्व का अनुभव किया है।
श्री खुबा ने बताया कि भारत में फार्मास्युटिकल उद्योग विश्व स्तर पर सबसे बड़े उद्योगों में से एक है और इसे 'विश्व की फार्मेसी' भी कहा जाता है। भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की विश्वसनीय और किफायती आपूर्तिकर्ता बन गई हैं, जिससे दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल सुविधा तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति में लगभग 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जेनेरिक निर्यात में 20-22 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और यह अपने फार्मास्युटिकल निर्यात के माध्यम से 200 से अधिक देशों को सेवा प्रदान करता है। कई भारतीय संगठनों ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अभिनव सोच के लिए एक परिदृश्य के रूप में कार्य करते हैं और अंततः स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देते हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार वित्त पोषण, मार्गदर्शन, इन्क्युबेशन स्पेस आदि प्रदान कर रही है और शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करती है, ताकि नवाचारों को समय पर वाणिज्यिक उद्यमों में परिणत किया जा सके।
मंत्री ने कहा “वर्तमान में, स्थानीय उत्पादन को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यह अनुसंधान को उत्पाद विकास में बदलने के महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान करना चाहता है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की कमी एक विकट बाधा के रूप में सामने आती है। सत्यापन, उत्पादन और वितरण कठिन बाधाएं हैं, जिनके लिए कुशल समन्वय की आवश्यकता है, ताकि अभिनव स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों को बाजार में लाया जा सके। नियामक प्रणालियों में क्षमता निर्माण और कुशल तकनीकी कार्यबल आवश्यक तत्व हैं। मंच को विपणन, क्षेत्रीय विनिर्माण के पैमाने का विस्तार करने, कार्यकुशल खरीद व वितरण प्रणाली तथा स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान कुशल समन्वय के लिए मौजूदा अवसंरचना को उद्देश्य के अनुरूप फिर से तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अंतिम व्यक्ति तक सेवाओं की अदायगी की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नवाचारों का लाभ उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों तक न्यायसंगत पहुंच की गारंटी होनी चाहिए।”
अपनी यात्रा के दौरान श्री खुबा ने सूरीनाम के जन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अमर एन. रामाधीन से भी मुलाकात की और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पर चर्चा की। उन्होंने श्रीगंधा हॉलैंड कन्नड़ बालागा द्वारा आयोजित कन्नड़ राज्योत्सव 2023 समारोह में भाग लेने के लिए आइंडहोवन का भी दौरा किया।
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