एड्स को जड़ से खत्म करने के लिए शिक्षा और जागरूकता ही एकमात्र उपाय है: प्राचार्य डॉ रोहित दत्त
विश्व एड्स दिवस आज, जीएसएम कालेज में आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम
आरएस अनेजा, अम्बाला
गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज के रैङ रिबन क्लब और यूथ रेड क्रॉस ने ड्रॉप्स आफ चेंज के सहयोग से विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया । यूथ रेड क्रॉस और रेड रिबन क्लब के छात्र स्वयंसेवकों ने डॉ. राकेश कुमार और डॉ. सुमन के मार्गदर्शन में एड्स के बारे में जानकारी फैलाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। कार्यक्रम की सहसंयोजिका डॉ सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि
विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 1988 में हुई थी। इस वर्ष की थीम "सामूहिक कार्रवाई: एचआईवी प्रगति को बनाए रखना और तेज करना" ने एचआईवी और एड्स के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर बल दिया।
जीएमएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त ने कहा, "विश्व एड्स दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें नए एचआईवी संक्रमणों को रोकने और विश्व स्तर पर एचआईवी से पीड़ित सभी लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखनी होगी।" उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 38 मिलियन लोग विश्वभर में एचआईवी/एड्स से पीड़ित हैं। यह बीमारी अभी तक असाध्य है और इसके लिए जीवन भर उपचार की आवश्यकता होती है। इस दिन का उद्देश्य उन लोगों का समर्थन करना है जो एचआईवी से प्रभावित हैं। इस दिन, लोग विश्वभर में उन लोगों को याद करते हैं जिनकी मृत्यु एड्स संबंधी बीमारियों से हुई है। यूथ रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष
डॉ राकेश ने बताया कि 1988 में अपनी शुरुआत के बाद से, विश्व एड्स दिवस ने एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने, शिक्षा को बढ़ावा देने और एचआईवी महामारी से प्रभावित जीवन को सम्मानित करने के लिए एक मंच प्रदान किया है।
डॉ सुमन व डॉ चन्द्रपाल पुनिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए ये आह्वान किया कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, प्रगति को बनाए रखने और तेज करने के लिए कॉलेज छात्रों द्वारा निरंतर प्रयास समाज को जागृत करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कॉलेज द्वारा विश्व एड्स दिवस का आयोजन एड्स के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता, शिक्षा और समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। कार्यक्रम के अंत में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और एड्स जागरूकता रैली भी निकाली गई जिसमें छात्रों ने स्लोगन और नारों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया