हरियाणा के अलग हाई कोर्ट के प्रस्ताव पर भी पंजाब सरकार का अड़ंगा

चंडीगढ़, 29 दिसंबर (अभी) - हरियाणा की अलग विधानसभा के बाद अब अलग हाई कोर्ट के प्रस्ताव पर भी पंजाब ने अड़चन डाल दी है। पंजाब सरकार नहीं चाहती कि चंडीगढ़ में हरियाणा का अलग हाई कोर्ट बने। केंद्र सरकार ने भी दोनों राज्यों के पुराने अंतरराज्यीय विवादों को देखते हुए हरियाणा सरकार के अलग हाई कोर्ट के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

केंद्र सरकार ने लोकसभा में कहा है कि पंजाब सरकार के विरोध के साथ-साथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की फुल बैंच मीटिंग में भी इस बात पर सहमति नहीं बनी कि हरियाणा और पंजाब के अलग-अलग हाई कोर्ट होने चाहिएं, इसलिए अधूरे प्रस्ताव के चलते हरियाणा की मांग पर कोई विचार नहीं किया जा सकता।

हरियाणा में अलग हाईकोर्ट की पिछले कई साल से मांग चल रही है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यह अक्सर मुद्दा बनता है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा की अलग हाईकोर्ट के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ पाया है। ऐसे ही प्रयास पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी किए थे, मगर वे भी सिरे नहीं चढ़ पाए थे। दरअसल, संसद के हािलया बीते सत्र के दौरान अंबाला के कांग्रेस सांसद वरुण मुलाना ने लोकसभा में केंद्र सरकार से पूछा कि क्या हरियाणा की अलग हाई कोर्ट बनाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। यदि हां तो उसका स्टेटस क्या है और यदि नहीं तो उसका कारण क्या है। केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन मेघवाल की ओर से वरुण मुलाना के अतारांकित सवाल के जवाब में बताया गया कि ऐसा प्रस्ताव हरियाणा सरकार की ओर से आया था।

इस प्रस्ताव पर जब पंजाब सरकार की राय जानी गई तो वह सहमत नहीं है। हाई कोर्ट की फुल बैंच मीटिंग में भी इस प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बन पाई है, जिस कारण हरियाणा सरकार के चंडीगढ़ में अलग हाई कोर्ट बनाने के प्रस्ताव को अधूरा मानते हुए लंबित कर दिया गया है। फिलहाल कोई नया प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।

दो हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव भी नहीं स्वीकार: हाईकोर्ट के भवन को दो हिस्सों में बांटने का सुझाव हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा केंद्र सरकार को पूर्व में दिया जा चुका है, मगर पंजाब उस पर भी सहमत नहीं है।
हरियाणा सरकार ने दक्षिण हरियाणा में हाई कोर्ट की एक बेंच स्थापित करने की दिशा में भी रुचि दिखाई थी, मगर वह भी अब सिरे नहीं चढ़ पाएगा।

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