हरियाणा के राजस्व सचिव के पास गृह सचिव और मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार होने विरूद्ध निर्वाचन आयोग को लिखा
हरियाणा के राजस्व सचिव के पास गृह सचिव और मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार होने विरूद्ध निर्वाचन आयोग को लिखा
सोमवार 18 मार्च को आयोग द्वारा देश के 6 प्रदेशों के गृह सचिव बदलने का दिया गया निर्देश
चंडीगढ़ (KK) - बीते शुक्रवार 15 मार्च 2024 को 1986 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कौशल, जो दिसंबर 2021 से हरियाणा के मुख्य सचिव के पद पर तैनात रहे, वह 30 जुलाई 2024 तक अर्जित अवकाश ( छुट्टी) पर चले गए. वैसे उनकी आईएएस से सेवानिवृत्ति 31 जुलाई 2024 को निर्धारित है.
बहरहाल, कौशल के स्थान पर प्रदेश कैडर में दूसरे वरिष्ठतम 1988 बैच के आईएएस अधिकारी
टी.वी.एस.एन. प्रसाद, जिनका मुख्य चार्ज (प्रभार) अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) और वित्तायुक्त, राजस्व (एफ.सी.आर.) और आपदा प्रबंधन एवं चकबंदी विभाग है
उन्हें प्रदेश के मुख्य सचिव का एडीशनल चार्ज अर्थात अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है.
गौरतलब है कि प्रसाद को पहले से ही मुख्य आवास आयुक्त, हरियाणा भवन, नई दिल्ली का चार्ज अतिरिक्त कार्यभार के तौर पर मिला हुआ है. इसके अलावा प्रसाद के पास दूसरा अतिरिक्त प्रभार अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.), गृह, जेल, आपराधिक जांच- सीआईडी और न्याय प्रशासन विभागों का भी है.
इस बीच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सी.ई.सी.) राजीव कुमार और साथ-साथ दो नव -नियुक्त चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू को पत्र लिखकर भारतीय निर्वाचन आयोग के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है कि वह हरियाणा सरकार को उपयुक्त निर्देश देकर हरियाणा राज्य प्रशासन में नियमित मुख्य सचिव के साथ-साथ नियमित गृह सचिव की नियुक्ति सुनिश्चित करे.
हेमन्त ने लिखा है कि गत 15 मार्च से प्रसाद को राज्य के मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार दिए जाने के फलस्वरूप प्रदेश प्रशासन के दो प्रमुख और संवेदनशील पदों की जिम्मेदारियां अर्थात राज्य के मुख्य सचिव और साथ ही राज्य के गृह सचिव अब एक ही आईएएस अधिकारी को सौंप दिए गए हैं जबकि उस अधिकारी के पास पहले से ही राजस्व सचिव ( एससीआर) का मुख्य कार्यभार है एवं इस प्रकार एक ही आईएएस अधिकारी के पास विशेष रूप से 18वीं लोकसभा के आम चुनाव की पूरी प्रक्रिया के दौरान उपयुक्त नहीं है. सनद रहे कि सोमवार 18 मार्च को भारतीय निर्वाचन आयोग ने देश के 6 प्रदेशों- बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को बदलने का निर्देश दिया है.