इंडिया" गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता की प्रेसवार्ता
*दिल्ली मुख्यमंत्री को फर्जी केस में जेल में डाला, हरियाणा में हुआ असली शराब घोटाला: डॉ. सुशील गुप्ता*
*हरियाणा के असली शराब घोटाले की जांच करे ईडी और सीबीआई: डॉ. सुशील गुप्ता*
कैथल, 27 अप्रैल
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर अवैध शराब घोटाले के मामले में हरियाणा की बीजेपी सरकार को घेरा। इसके पूर्व, उन्होंने कलायत विधानसभा के गांव एवं वार्ड में चुनावी यात्रा की। इस दौरान गांव काकौत के सरपंच नरेश और गांव की कमेटी आम आदमी पार्टी में शामिल हुई। इनमें राजेश, प्रवीण, तेजेंद्रपाल, राकेश और गुरवचन श्योराण शामिल रहे। इस दौरान उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश (जेपी) के बेटे विकास सहारण भी मौजूद रहे।
उन्होंने अपनी चुनावी यात्रा गांव चंदाना से शुरू की। इसके बाद वे गांव प्योदा में लोगों से मिले। वहां से हरसौला में ग्रामीणों से रूबरू हुए। इसके बाद गांव नरड़ में पहुंचे। यहां से गांव काकौत, सेगा, सिसमोर, सिसला, सौंगल, माजरा, कोटड़ा, सेरधा, फरीबाद, संतोक माजरा और मंडवाल में लोगों को संबोधित किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों और महिलाओं का आशीर्वाद लिया और "इंडिया" गठबंधन को भारी बहुमत से जिताने की अपील की।
उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा अवैध शराब के धंधे का गढ़ बन गया है।एसआईटी की रिपोर्ट ने इस मामले पर मुहर भी लगा दी है। एसआईटी ने बताया है हरियाणा में सबसे बड़ा शराब घोटाला हुआ। इस मामले में हरियाणा में लगभग 9500 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ। एसआईटी की रिपोर्ट में सामने आया कि जिन 50 लोगों की मौत नकली शराब पीने से हुई थी। उसके लिए शराब माफिया, एक्साइज विभाग, पुलिस विभाग और सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि इस शराब घोटाले से हरियाणा सरकार को 9519 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। जिस पर हरियाणा में अभी तक 54 एफआईआर हुई हैं। पिछ्ले 4 सालों में एक भी एफआईआर के तहत बड़ी मछली पर हाथ नहीं रखा गया। हरियाणा में बनी हुई नकली शराब की तस्करी पूरे देश में हो रही है। यूपी, बिहार और गुजरात में बिकने वाली 70-80% तक शराब हरियाणा से जाती है। एसआईटी ने साफ कहा है कि हरियाणा में शराब घोटाले के जिम्मेदार भाजपा के नेता और भाजपा की सरकार है।
उन्होंने कहा बताया जा रहा है कि इस शराब घोटाले में न केवल हरियाणा के नेता, बल्कि देश के कुछ बड़े नेता भी शामिल हैं। हरियाणा में बनने वाली नकली शराब का 70-80% हिस्सा गुजरात में बेचा जाता है। ये बहुत बड़े स्तर पर मिलीभगत है। गुजरात में इतने बड़े स्तर पर अवैध काम करना बिना सरकार की मर्जी से नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी पहले भी भाजपा का रिश्ता अवैध शराब कारोबारियों के साथ होने का खुलासा कर चुकी है। आज एसआईटी ने खुद भाजपा सरकार का खुलासा किया है। दिल्ली शराब घोटाले के मुख्य आरोपी शरद रेड्डी ने भाजपा को 60 करोड़ रुपए चंदा दिया था। चंदा देने से पहले उसने कभी भी स्वीकार नहीं किया था कि वो अरविंद केजरीवाल से मिले हैं। जिसने भाजपा को 60 करोड़ रुपए दिए आज वो विदेशों में घूम रहा है और जिसके पास 25 पैसे नहीं मिले उस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फर्जी केस बनाकर जेल भेज दिया। जिसका गवाह शराब घोटाले का मुख्य आरोपी शरद रेड्डी बन गया। जबकि हरियाणा में हुए शराब घोटाले में शामिल भाजपा नेताओं पर ईडी ने अभी तक भी कोई एक्शन नहीं लिया है।
उन्होंने कहा एसआईटी ने मुहर लगा दी है कि भाजपा और शराब कारोबारियों का सीधा संबंध है। जब सुबूत आए तो हमने इंतजार किया कि अब ईडी और सीबीआई हरियाणा के असली घोटालेबाजों को पकड़ेगी। लेकिन आज असली शराब घोटाले के मास्टरमाइंड खुले घूम रहे हैं और अब भी अवैध धंधा कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि ईडी और सीबीआई इसकी जांच करे। क्योंकि यदि जांच सही होती है तो भाजपा के बड़े बड़े नेता जेल में जाएंगे। इससे पता चलता है ईडी केंद्र सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रही है।
उन्होंने कहा एसआईटी ने बताया कि 2020 में एक सप्ताह में जहरीली शराब पीने से 50 लोगों की मौत हो हुई। इस अमानवीय घटना के बावजूद हरियाणा के विभिन्न जिलों में आबकारी विभाग और पुलिस विभाग जिम्मेदार अधिकारी दोषपूर्ण व्यक्तियों पर आज तक मामला दर्ज नहीं कर पाए। कुछ आईएएस, एचपीएस अधिकारियों के आचरण की वजह से हरियाणा में जहरीली शराब पीने और लोगों की मौत की घटनाएं होती हैं। लेकिन जब एसआईटी ने ऐसी जानकारी की मांग की तो आबकारी और आईएएस व एचपीएस अधिकारियों ने भी गलत जानकारी दी। एसआईटी द्वारा पूछताछ के दौरान कुछ लोगों ने डर के कारण अपने बयान दर्ज करने से इंकार कर दिया था। इस अवैध कार्य में उच्चपदस्थ व्यक्ति, अधिकारी, राजनेता और अपराधी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि 2020 से लेकर 2024 तक खट्टर सरकार ने जानबूझकर एसआईटी की रिपोर्ट को सामने नहीं आने दिया। कई बार विधानसभा में इसकी मांग उठी लेकिन सरकार ने इसको दबा कर रखा। जब लगने लगा कि हाईकोर्ट का निर्णय सिर पर बोलेगा, जब लगने लगा सरकार बदल रही है और बाद में इस एसआईटी को भी जवाब देना मुश्किल हो जाएगा तब हाईकोर्ट में ये रिपोर्ट गई है। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि सीबीआई इसकी जांच करे क्योंकि इसमें कई राज्य सरकार और भाजपा के नेता शामिल हैं।