हरियाणा पुलिस के नशा विरोधी अभियान को मिली उल्लेखनीय सफलता, बना जन आंदोलन
चंडीगढ़, 17 दिसंबर (अभी) - हरियाणा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशा विरोधी अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं और पूरे राज्य में लोगों की भागीदारी बढ़ रही है। इस सफलता का ताजा उदाहरण चरखी दादरी जिले में देखने को मिला, जहां नौ गांवों की पंचायतों ने इस पहल को जनांदोलन में बदल दिया है। इन गांवों ने न केवल खुद को नशा मुक्त घोषित किया है, बल्कि अपने प्रवेश द्वारों पर 'हमारा गांव नशा मुक्त है' के बोर्ड भी लगा दिए हैं। ग्रामीण यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं कि कोई भी युवा नशे का शिकार न हो और गांव में नशे की खरीद-फरोख्त समेत कोई भी नशा संबंधी गतिविधि न हो। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस सराहनीय प्रयास के लिए चरखी दादरी के एसपी अर्श वर्मा और उनकी पूरी टीम की सराहना की।
चरखी दादरी के जैश्री गांव के सरपंच जितेन्द्र कुमार ने हरियाणा पुलिस द्वारा शुरू की गई नशा मुक्ति पहल की सराहना करते हुए इसे एक अनूठा प्रयास बताया, जो युवाओं को नशे से दूर रहने और उसे छोड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने गांव में हरियाणा पुलिस द्वारा आयोजित खेल गतिविधियों के सकारात्मक प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, जिससे युवाओं को बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा है। युवा इन गतिविधियों में बड़े उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं, साथ ही नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में भी शिक्षित हो रहे हैं।
लांभा गांव निवासी रामभगत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नशे का शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नशा हमारे समाज के लिए एक बड़ी समस्या है जिसे एक दूसरे के सहयोग से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने इस दिशा में हरियाणा पुलिस के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। इसी प्रकार मिर्च गांव निवासी संजीत ने कहा कि उनके गांव में पुलिस प्रशासन के सहयोग से युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। समय-समय पर पुलिस अधिकारियों और ग्राम प्रहरियों द्वारा बैठकें आयोजित की जाती हैं, जहां युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाता है।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशा विरोधी अभियान के तहत 30 नवंबर 2024 तक 3,084 गांवों और 660 वार्डों को नशा मुक्त घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि हरियाणा के 41.66% गांव और 39.74% वार्ड सफलतापूर्वक नशा मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि नशा मुक्त राज्य सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर के हर गांव और वार्ड में ग्राम प्रहरी और वार्ड प्रहरी नियुक्त किए गए हैं। ये कर्मी नशे से जुड़ी गतिविधियों पर नज़र रखते हैं और लोगों को नशे की लत से उबरने में मदद भी करते हैं।
श्री कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस बच्चों और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल गतिविधियों का आयोजन करती है। ये गतिविधियाँ 1,522 विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के सहयोग से आयोजित की जाती हैं, जो पूरे राज्य में कार्यक्रमों की देखरेख कर रहे हैं। इन आयोजनों के दौरान युवाओं को न केवल नशे से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, बल्कि इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में भी शिक्षित किया जाता है। इन खेल गतिविधियों के माध्यम से अब तक हरियाणा में कुल 2,27,458 युवा जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि नशा समाज के लिए अभिशाप है, खासकर युवाओं के लिए, जो इसके शिकार होकर खुद की जिंदगी बर्बाद करने का जोखिम उठाते हैं। उन्होंने लोगों से न केवल नशे से दूर रहने का आग्रह किया, बल्कि दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया, ताकि सभी के लिए नशा मुक्त वातावरण बनाने में मदद मिल सके।