केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उत्तरपूर्वी परिषद की 72वीं पूर्ण बैठक को संबोधित किया

आरएस अनेजा, नई दिल्ली 21 दिसम्बर

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उत्तरपूर्वी परिषद (NEC) की 72वीं पूर्ण बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य राव सिंधिया, त्रिपुरा के राज्यपाल श्री एन इंद्रसेना रेड्डी, मुख्यमंत्री प्रो (डॉ.) माणिक साहा और केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन उपस्थित थे। बैठक में अरुणाचल प्रदेश असम एवं मणिपुर, मेघालय मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम के राज्यपाल और अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मेघालय के सामुदायिक एवं ग्रामीण विकास मंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरे नॉर्थईस्ट के लिए पिछले 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिस प्रकार इस क्षेत्र को दुनिया के फोकस में लाकर खड़ा किया है, वह पूरे नॉर्थईस्ट के लिए युगांतकारी है। श्री शाह ने कहा कि लंबे समय तक ये क्षेत्र दिल्ली के लिए सिर्फ भाषणों का मुद्दा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने विज़न और संवेदनशीलता के साथ इस क्षेत्र को विकास केन्द्र में लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में अभूतपूर्व इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के कारण जहां दिल्ली से पूर्वोत्तर की भौगोलिक दूरी कम हुई ही है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिलों की दूरी को भी कम करने का काम किया है। 

श्री अमित शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वयं नॉर्थईस्ट को प्रमुखता दी तो स्वाभाविक रूप से यह क्षेत्र पूरी केन्द्र सरकार की प्राथमिकता बन गया।आज हमारा नॉर्थईस्ट का क्षेत्र अनेक प्रकार की विविधताओं के बावजूद निरंतर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले इस क्षेत्र के 200 से अधिक जनजातीय समूह और 195 से अधिक बोलियां और भाषाएं एक प्रकार से हमारी कमज़ोरी बनकर अलग-अलग तरह के विवादों का कारण बनी हुई थीं। लेकिन आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो उसी कमज़ोरी को मज़बूती और ताकत में बदलने का काम मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि आज 200 से अधिक जनजातीय समूह अपनी सांस्कृतिक विविधता के कारण पूरी दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं और 195 से अधिक बोलियों और भाषाओं ने पूर्वोत्तर को विश्व के 36 बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट्स में से एक बनाने का काम किया है।गृह मंत्री ने कहा कि अकेले पूर्वोत्तर में 7500 से ज़्यादा फूलों की किस्में हैं और कई प्रकार के वन्य और जल संपदा है। मोदी सरकार ने गत 10 साल में इन सारी प्राकृतिक विविधताओं को संजोकर इस क्षेत्र को एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने का बहुत महत्वपूर्ण प्रयास किया है। 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सबसे महत्वपूर्ण काम नॉर्थईस्ट में शांति स्थापित करने का किया है। पिछले 10 साल में अनेक शांति समझौते हुए हैं और लगभग 10574 हथियारबंद युवा आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिससे पूर्वोत्तर में शांति आई है और विकास की नींव पड़ी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के अष्टलक्ष्मी के कॉन्सेप्ट को आज पूरा देश व दुनिया स्वीकार कर रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज पूरा देश नॉर्थईस्ट के हर व्यक्ति औऱ राज्य की समृद्धि चाहता है ताकि पूर्वोत्तर देश के विकास में योगदान करता रहे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 साल में इतनी सारी विविधताओं के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए सभी प्रकार की मूल संरचनाएं खड़ी करने का काम हुआ है।गृह मंत्री ने कहा कि अब इस नींव पर एक बुलंद, मज़बूत और समावेशी विकास की इमारत खड़ी करने का समय आ गया है।उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा नॉर्थईस्ट को प्राथमिकता दी है और पूर्वोत्तर के विकास की गति बढ़ाकर इस क्षेत्र को शेष भारत के बरारबर लाना मोदी सरकार का लक्ष्य है। श्री शाह ने कहा कि अटल जी की सरकार के समय DONER मंत्रालय की स्थापना की गई। मोदी जी ने पूरे मंत्रिमंडल को नॉर्थईस्ट का दौरा और वहाँ रात्रि निवास करने का आग्रह किया जिसके परिणामस्वरूप केन्द्रीय मंत्रियों ने यहाँ 700 दिनों से अधिक का रात्रि निवास किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्वयं 65 बार नॉर्थईस्ट आए हैं औऱ हर यात्रा के दौरान वे इस क्षेत्र के लिए विकास की सौगात लाए हैं। 

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